कभी कभी खुद को वक्त के आईने में देखना कितना दुरूह होता है मगर जीवन एक संघर्ष है तो पन्ने पलटने ही पड़ते हैं, पुनः अवलोकन करना ही पड़ता है और आज एक बार फिर ज़िन्दगी ने कहा है खुद को निहारो और देखो क्या थे तुम और क्या बन गए शायद इसलिए रेखा जी का सन्देश मिला कि अपने संघर्षों के बारे में लिखो.